Not known Details About Shodashi

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॥ अथ श्रीत्रिपुरसुन्दरीचक्रराज स्तोत्रं ॥

ऐं क्लीं सौः श्री बाला त्रिपुर सुंदरी महादेव्यै सौः क्लीं ऐं स्वाहा ह स क ल ह्रीं ह स क ह ल ह्रीं स क ल ह्रीं ॐ ह स क ल ह्रीं ह स क ह ल ह्रीं स क ल ह्रीं

सानन्दं ध्यानयोगाद्विसगुणसद्दशी दृश्यते चित्तमध्ये ।

Worshippers of Shodashi request not merely substance prosperity and also spiritual liberation. Her grace is said to bestow both equally worldly pleasures along with the means to transcend them.

Inside the spiritual journey of Hinduism, Goddess Shodashi is revered being a pivotal deity in guiding devotees to Moksha, the final word liberation from the cycle of beginning and death.

तां वन्दे नादरूपां प्रणवपदमयीं प्राणिनां प्राणदात्रीम् ॥१०॥

हरार्धभागनिलयामम्बामद्रिसुतां मृडाम् ।

सा नित्यं नादरूपा त्रिभुवनजननी मोदमाविष्करोतु ॥२॥

भगवान् शिव ने कहा — ‘कार्तिकेय। तुमने एक अत्यन्त रहस्य का प्रश्न पूछा है और मैं प्रेम वश तुम्हें यह अवश्य ही बताऊंगा। जो सत् रज एवं तम, भूत-प्रेत, मनुष्य, प्राणी हैं, वे सब इस प्रकृति से उत्पन्न हुए हैं। वही पराशक्ति “महात्रिपुर सुन्दरी” है, वही सारे चराचर संसार को उत्पन्न करती है, पालती है और नाश करती है, वही शक्ति इच्छा ज्ञान, क्रिया शक्ति और ब्रह्मा, विष्णु, शिव रूप वाली है, वही त्रिशक्ति के रूप में सृष्टि, स्थिति और विनाशिनी है, ब्रह्मा रूप में वह इस चराचर जगत की सृष्टि करती है।

मुख्याभिश्चल-कुन्तलाभिरुषितं मन्वस्र-चक्रे शुभे ।

॥ अथ श्रीत्रिपुरसुन्दरी अपराध क्षमापण स्तोत्रं ॥

सर्वोत्कृष्ट-वपुर्धराभिरभितो more info देवी समाभिर्जगत्

इति द्वादशभी श्लोकैः स्तवनं सर्वसिद्धिकृत् ।

Reply ray February 26, 2021 Good day sharma, Is that this probable to understand exactly where did you located that specific shodashi mantra, mainly because it is totally distinctive from initial that's for a longer period.

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